कर्पूर गौरं करुणा वतारम
कर्पूर गौरं करुणा वतारं संसार सारं भुजगेन्द्र हारं। सदा वसंतं हृदयारविंदे भवं भवानीसहितं नमामि॥ इस मंत्र में दिव्यता और सुंदरता से युक्त श्री गणेश की प्रार्थना की गई है। इसे चंडी अष्टोत्तर नामावली के बीच बोलने से मंगल और सुंदर फल मिलता है।