राघवयादवीयम रामस्त्रोत्राणी
क्या ऐसा संभव है कि जब आप किताब को सीधा पढ़े तो रामायण की कथा पढ़ी जाए और जब उसी किताब में लिख़े शब्दों को उल्टा करके पढ़े तो विष्णु भागवतकी कथा सुनाई द़े। जी हां,कांचीपुरम के 17वीं शतीके कवि वेंकटाध्वरर रचित ग्रन्थ राघवयादवीयम ऐसा ह़ी एक अद्भुत ग्रन्थ है। इस ग्रन्थ को अनुलोम-विलोम काव्य भी कहा जाता है।